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Nitin Gadkari का बड़ा बयान, बताया शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने से बचाने का तरीका

Nitin Gadkari का बड़ा बयान: 26 अगस्त को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊँची मूर्ति गिर गई थी। यह मूर्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 दिसंबर को उद्घाटन की थी। मूर्ति गिरने की घटना के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है। हाल ही में पीएम मोदी ने भी इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

नितिन गडकरी का सुझाव

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर शिवाजी महाराज की मूर्ति स्टेनलेस स्टील से बनी होती, तो यह कभी नहीं गिरती। गडकरी ने सुझाव दिया है कि तटीय क्षेत्रों में निर्माण के लिए स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जाए ताकि जंग से बचा जा सके।

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स्टेनलेस स्टील का महत्व

गडकरी ने 3 सितंबर को एक FICCI कार्यक्रम में कहा कि पिछले तीन वर्षों से वे जोर दे रहे हैं कि समुद्र के करीब बने पुलों में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जाए। उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब वे महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री थे, तो मुंबई में 55 फ्लाईओवरों का निर्माण चल रहा था। एक व्यक्ति ने उन्हें बताया था कि लोहे की सरियों पर कुछ पाउडर लगाने से वे जंग से बचेंगे, लेकिन कुछ ही दिनों में वे जंग लग गए। तब से वे मानते हैं कि तटीय क्षेत्रों में किसी भी निर्माण में स्टेनलेस स्टील का उपयोग होना चाहिए।

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मूर्ति से संबंधित कानूनी कार्रवाई

मूर्ति गिरने की घटना के बाद, सिंधुदुर्ग पुलिस ने मूर्ति के शिल्पकार जयदीप आपटे के खिलाफ एक लुकआउट नोटिस जारी किया है। जयदीप आपटे 10 दिनों से लापता हैं। पुलिस ने शिल्पकार और संरचनात्मक इंजीनियर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इन धाराओं में हत्या का प्रयास, दोषपूर्ण हत्या का प्रयास, दूसरों की सुरक्षा को खतरा डालना, धोखाधड़ी और जालसाजी शामिल हैं। इसके साथ ही, 1984 के सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत भी केस दर्ज किया गया है।

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